5 Essential Elements For Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana



फिर देखिये कुछ ही दिन में आप ऐसे खुल जायेंगे और खुद सोचेंगे की क्या यार इतने दिनों से मै खामखा इससे डर रहा था.

दूसरों पर भरोसा न होने के कारण भी डर की उत्तपत्ति होती है। एक दूसरे के बीच की दूरी किसी भी परिवार या समाज में अविश्वास और भय को जन्म देती है एवं विकास के लिए नुकसानदायक होती है। 

किसी के साथ अपने सम्बन्ध खराब ना करें और ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक लोगों के बीच रहें. डर दूर करना है तो अकेले कभी भी ना रहें, ये सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली चीज़ है.

आप जितना उसे फेस करते हैं, वो उतना ही छोटा हो जाता है

उन्हें “क्या हो सकता है?” से ज़्यादा “क्या कर सकते हैं?” सिखाएं

उसने तो सदा बस उलटे सीधे ही काम किये हैं. इस प्रकार की सोच उसके मष्तिष्क में एक तरह का भय पैदा करती है की अब आगे जब कोई संकट आएगा तो भगवान् भी मेरी मदद नहीं करेंगे. धीरे धीरे ये डर गहरा होता चला जाता है.

यदि कोई जानता है कि उसे किस बात से सबसे अधिक (भय) यानी डर लगता है तो उसके लिए डर को खत्म करना बहुत सारल हो जाता है। दरअसल डर एक प्रतिक्रिया है जो हमारी मनोदशा के रूप में सामने आता है जिसे हम तब महसूस करते हैं जब हमारी मनोदशा में किसी खतरे का अंदेशा होने लगता है

जैसे – “ॐ नमः शिवाय”, “ॐ शांतिः शांतिः शांतिः”

सही लोगों के साथ रहें – जो आपको प्रेरणा दें, डर नहीं।

परिचय – डर क्या है और यह कैसे पैदा होता है?

मतलब जिस चीज़ से आपको डर लगता है उसके आस पास रहने से या उसके साथ समय बिताने से कुछ ही समय में डर दूर भाग जाता है.

अधिकतर लोग जीवन में हार के डर click here से बहुत से काम नहीं कर पाते हैं। सबसे पहले आपको इस बात को समझना होगा कि हर बार होने वाली हार आपको नया एक्सपीरिएंस देकर जाती है। हार की बदौलत आप कुछ नया सीख पाते हैं। जो आगे बढ़ने में आपकी मदद करता है। हार और जीत सिक्के के वो दो पहलू है, जो आपकी लाइफ को बैंलेंस करते हैं।अगर आप हर बार जीतेंगे, तो जीत को स्वाद और हार का सबक दोनों से ही वंचित रह जाएंगे।

ये ऐसी स्थिति होती है की आप नशा करने के बाद भी घबराये हुए रहते हैं.

प्रेरणा या मोमेंटम को हल्का न होने दें। डर का सामना करने के लिए एक निश्चित मात्रा में प्रेरणा की आवश्यकता होती है। जब आपका सामना असफलता से होता है, तो आपके मन में हार मानने का ख्याल आ सकता है। असंभव लगने वाली परिस्थितियों में भी अपने संकल्प को बनाए रखें।

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